ये करो इतना धन मिलेगा संभल नहीं पाओगे | Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj

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ये करो इतना धन मिलेगा संभल नहीं पाओगे | Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj

मनुष्य जीवन केवल पशु की तरह जाने के लिए नहीं है बात समझो जैसे समुद्र की उफान को तटवर्ती क्षेत्र रोक लेता है ऐसे श्री जी की कृपा इन दुखों को की श्रीजी ऐसे भगवान गोद में रखकर भगवान है इसलिए कोई देखा आपको लग रहा है हम तुमको बोल दे रहे हैं कि ऐसे निराश नहीं हुआ जा सकता ऐसा ना सोचे इस स्थिति को लेकर की यार क्या मेरा प्रारब्ध हो गई भोगने के लिए लिखा है क्या भगवान का जो हो गया नरसी मेहता जी गृहस्ती में थे

ये करो इतना धन मिलेगा संभल नहीं पाओगे | Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj


बड़े-बड़े महापुरुष गृहस्थी में ऐसे हुए कि भगवान ने पूरी जिम्मेवारी ले ली पूरा साफा बांध लिया उनके लोक का भी व्यवहार का भी भारत भर ले गए पुत्र के ब्याह में गए भगवान स्वयं तो भैया ऐसा ना सोचो कि आपका बड़ा प्रारंभ है नाम जप करो वह जो दुख सुख मिले उसे सहते जाओ और आगे का जो मार्ग हैवह गंदा न होने पाए फिर आप देख लेना देखो अगर हम भगवान के मार्ग में सच्चाई से हैं तो हमारी फसल बहुत अच्छी है अगली वाली अब पिछली वाली जो थोड़ा गांधी उसे भोग को उसके लिए अगली फसल में आग मत लगाओ पिछली गलतियां हुई उनको हम भोग रहे हैं आगे में ऐसा संभाल लेंगे कि ऐसा हमें दुखी ना मिले ऐसा हमें भोगना ही ना पड़े क्योंकि अवश्य में उपभोक्ताब्दी में खत्म कम सुभाष शुभम यदि हम गलत करेंगे तो भोगना पड़ेगा सही करेंगे तो उसे भोगना पड़ेगा तो हम सही क्यों ना करें चाहते हैं सुख करते हैं गलत तो परिणाम तो दुख आएगा ही तो अभी तक गलती हुई अब सत्संग मिल गया है अब हम अपना सुधार करें और निराश मत होना उदास मत होना हम इसलिए अपना उदाहरण देते कि उदाहरण से तुम्हारी हिम्मत बढ़ जाएगी आज स्थिति कमजोर मान सकते हैं लेकिन सत्य में चल रहे हो भजन में चल रहे हो तो कल तुम्हारा भविष्य बहुत उज्ज्वल होगा महान होगा वह कैसे करेगाआज तक स्वभाव में रहा है ऐसे करने का स्वभाव नहीं रहा है अपने आप जो आ गया उसका सदुपयोग हो रहा है अपने आप को कर रहा है अपने आप को व्यवस्था कर रहा है ऐसे ही चराचर जगत की कर रहा है 


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