Pakistan Army पर हुआ बड़ा हमला, बड़ी मुश्किल में फंसा पाकिस्तान |Balochistan Protest | BLA | PoK |CPEC
पाकिस्तान के द्वारा अवैध कब्जे वाले इलाके का हिस्सा रहे बलूचिस्तान में महिलाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐलाने जंग कर दिया है सैकड़ो की संख्या में बलूच महिलाएं पाकिस्तान की सरकार और सुना के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है हैरान कर देने वाली बात यह है कि अभी बलूचिस्तान में महिलाओं का प्रदर्शन चल ही रहा था कि इस बीच बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ने वाली बलोची लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सेवा पर एक बड़ा हमला किया है बलोची लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की कई बड़े इलाकों पर अपने कब्जे का भी दावा किया है
पाकिस्तानी मीडिया में ब्लू के इस हमले को लेकर तहलका मचा हुआ है पाकिस्तानी मीडिया ने भी पहले की इस हमले में दर्जनों पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है बला के सैनिकों ने कई रेलवे स्टेशनों को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है जिसमें वहां के सैन्य कमांडेंट का कार्यालय और जेल कॉलोनी भी शामिल है वहीं पाकिस्तान सरकार ने माना है कि सोमवार की रात को तीन बड़े हमले बलोचों की तरफ से किए गए थे जिसमें रॉकेट और घातक हथियारों काइस्तेमाल किया गया था बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जिया बलोच ने कहा है कि एक बड़े ऑपरेशन में सोमवार की रात बलूचिस्तान के बोलन जिले में पाकिस्तान सुना के काम से कम 45 जवानों को मार गिराया गया है मूलन के बाद शहर में जेल परिसर और रेलवे स्टेशन सहित कई स्थानों पर कब्जा कर लिया गया है डीएनए ने इस बार यह हमला बड़ी प्लानिंग के साथ किया है बलोच ऐलान किया है कि बोलन शहर के हर रास्ते पर बम लगाया गया है और लोगों से इससे दूर रहने के लिए कहा गया है इस भीषण हमले के बाद अब पाकिस्तान की सी बड़ी ही सहना-सहना कैद बलूचिस्तान के इलाके में दाखिल हो रही है जानकारी के लिए आपको बताएं तो बलोच ने मार्च की जी जय पर कब्जा करने का दावा किया है उसमें 800 से ज्यादा कैदी इस वक्त बंद है जिसमें से ज्यादातर बलोच बताए जाते हैं बलूचिस्तान में बार-बार हो रहे हमले न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए भी बड़ी टेंशन बन गए हैं क्योंकि चीन के सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक सीपीसी इसी इलाके से होकर गुजर रहा है चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर प्रोजेक्टके तहत पाकिस्तान और चीन को जोड़ने वाली सड़के रेल लाइन और गैस पाइपलाइन इसी इलाके में बचाई जा रही है यह कॉरिडोर चीन के चिन्ह स्वास्थ्य क्षेत्र से बलूचिस्तान के ग्वादर तकरीबन 3000 किलोमीटर की दूरी तय करता है यह कॉरिडोर चीन को हिंद महासागर तक पहुंचने पर सीधे तौर पर डेवलप किया जा रहा है हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि बलूचिस्तान के लोगों का पाकिस्तान के प्रति यह गुस्सा नया नहीं है बल्कि 1947 में आजादी के बाद से ही बलोच लोग खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते हैं और वह हमेशा से उनसे अलग होने की मांग करते रहे पाकिस्तान और वहां की सरकार बलोचों के साथ गैरों जैसा व्यवहार करती रही है पाक सरकार बलूचिस्तान के संसाधनों का इस्तेमाल करती है लेकिन ना तो वह वहां के लोगों के विकास के बारे में कुछ सोचती है और ना ही उनका कोई अधिकार देती है